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Mere Yaar by The Local Train Lyrics

Genre: rock | Year: 2018

अब क्या कहे उनसे जनाब
पिछले गुरुर टूटे नहीं
थे हर घड़ी जो रूबरू
अब एक शाम मुमकिन नहीं

है कयामत ये मोहब्बत
हारे हैं हम ना शिकवा कोई
ये दास्ताँ अब मुक्तसर
क्यों है खफा सुन तो सही

सुनता है मेरे यार
तू है सही तुम ऐ दिल-ए-गुलाम
सुनता है मेरे यार
के मंज़िलें मिले अपना मकाम

थी हसरत है जिनसे हज़ार
रुखसत हुए अक्सर वही
हर शिकायत अब बेअसर
क्यों है खफा सुन तो सही

सुनता है मेरे यार
तू है सही तुम ऐ दिल-ए-गुलाम
सुनता है मेरे यार
के मंज़िलें मिले अपना मकाम
थी हसरत है जिनसे हज़ार
रुखसत हुए अक्सर वही
है दास्तान यह मुख़्तसर
क्यों है खफा सुन तो सही

सुनता है मेरे यार
तू है सही तुम ऐ दिल-ए-गुलाम
सुनता है मेरे यार
के मंज़िलें मिले अपना मकाम