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A.R. Rahman Anuradha Anupama - Dil Se Re Hindi Version by Genius India Lyrics

Genre: pop | Year: 1998

[Intro]
इक सूरज निकला था
कुछ पारा पिघला था
इक आँधी आयी थी
जब दिल से आह निकली थी
दिल से रे
इक सूरज निकला था
कुछ पारा पिघला था
इक आँधी आयी थी
जब दिल से आह निकली थी

[Chorus]
दिल से रे, दिल से रे, दिल से रे
दिल से रे, दिल से रे, दिल से रे
दिल तो आखिर दिल है ना, मीठी सी मुश्किल है ना
पिया-पिया, पिया-पिया, पिया ना पिया
जिया-जिया, जिया ना जिया
दिल से रे...
दिल से रे, दिल से रे
दिल से रे, दिल से रे
दिल तो आखिर दिल है ना, मीठी सी मुश्किल है ना
पिया-पिया, पिया-पिया, पिया ना पिया
जिया-जिया, जिया ना जिया
दिल से रे...
[Verse 1]
दो पत्ते पतझड़के पेड़ों से उतरे थे
पेड़ों की शाखों से उतरे थे
फिर कितने मौसम गुज़रे, वो पत्ते दो बेचारे
फिर उगने की चाहत में, वो सहराओं से गुज़रे
वो पत्ते दिल-दिल-दिल थे, वो दिल थे, दिल-दिल दिल थे
दिल है तो फिर दर्द होगा, दर्द है तो दिल भी होगा
मौसम गुज़रते रहते हैं
दिल है तो फिर दर्द होगा, दर्द है तो दिल भी होगा
मौसम गुज़रते रहते हैं

[Chorus]
दिल से, दिल से, दिल से, दिल से, दिल से रे...
दिल तो आखिर दिल है ना, मीठी सी मुश्किल है ना
पिया-पिया, पिया-पिया, पिया ना पिया
जिया-जिया, जिया ना जिया
दिल से रे...

[Verse 1]
बन्धन है रिश्तों में, काँटों की तारें हैं
पत्थर के दरवाज़े, दीवारें
बेलें फिर भी उगती हैं, और गुँचे भी खिलते हैं
और चलते हैं अफ़साने, किरदार भी मिलते हैं
वो रिश्ते दिल-दिल-दिल थे, वो दिल थे, दिल-दिल दिल थे
ग़म दिल के बस चुलबुले हैं, पानी के ये बुलबुले हैं
बुझते ही बनते रहते हैं
ग़म दिल के बस चुलबुले हैं, पानी के ये बुलबुले हैं
बुझते ही बनते रहते हैं
[Bridge]
दिल से, दिल से, दिल से, दिल से, दिल से रे
दिल से रे, दिल से रे
दिल से रे, दिल से रे
दिल से रे, दिल से रे

[Chorus]
दिल से, दिल से, दिल से, दिल से, दिल से रे...
दिल तो आखिर दिल है ना, मीठी सी मुश्किल है ना
पिया-पिया, पिया-पिया, पिया ना पिया
जिया-जिया, जिया ना जिया
दिल से रे...
दिल से रे, दिल से रे
दिल से रे, दिल से रे
दिल से रे...