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Asliyat - GURU BHAI by Asliyat Lyrics

Genre: rap | Year: 2016

LYRICS : ASLIYAT by GURU BHAI
216 by 4 पर खड़ा मैं बना शायर
मजबूरियां रोकती कोई नहीं कायर
मशीन कैसे काम करें दिमाग पर टायर
इंपायर जैसे बातें करना जीना चाहू फायर
टायर की तरह कुछ रैपर है गोल
जो घिसे हुए हैं उन के फटे हुए बोल
इन को कॉल नहीं आती उल्टा मारे मिस कॉल
असलियत ये है इनका फटा हुआ ढ़ोल
ढ़ोल ढ़ोल फटे नहीं बजते
गुरु भाई रेप करें बखिरा पर भटके
मेरे फएन मेरे लिए मेरा रैप रटते
डट के खड़े मेरे फ्एनस कुछ हट के
दुश्मन पतंग उड़ाई लेकर आते रील
उसी तरह रैप आसान कमाना मुश्किल
वकील बने फिरते यहां गली वाले लोग
कभी इनकी बातों को मैं कभी देताना दलील
चलो आओ आज मेरे यारो खेलें खिलौने
जो बड़ी कार मोटा पैसा देते नहीं रोने
भीड़ में आवाज चित्र करे चारों कोने
और लोगों को लगे कि गुरु करें जादू टोने
तभी आज दो चार लगा हूं कमाने
हमेशा आते कॉल जब हो जाता हूं नहाने
बातों ही बातों में लिख लेता गाने
क्योंकि कल लिखे गाने मुझे आज का माने
फसाने सुनाने वाले देखे हैं जमाने
दोस्त ही दोस्त को आज लगा है फसाने
माँ बाप भी बच्चों को दे रहे ताने
बेटा अगर फेल हो गया तो आगे नी पढ़ाने
तुम बच्चों को कहते हो उसका बेटा कितना अच्छा
सब का एम अलग होप यू अंडरस्टैंड
अगर बच्चे ने कहा उसकी मम्मी बहुत अच्छी
तो मम्मी को लगेगा बुरा होगा दी एंड
क्योंकि बच्चे नादान है अच्छा नहीं डांटना
तसल्ली करो आत्मा से गुस्से का खात्मा
मां का डांटना फिर खाना पीना बाँटना
वैसे खाता में चावल जब साथ में हो राजमा
आज कुछ बच्चे 12 13 साल में
करने लगे आशिकी फसने लगे जाल में
स्कूल नहीं जाते वक्त करते हैं रोज
होंश उन्हें नहीं खुद अपने भी बच्चे पालने
और छोटी सी बात डाले रिश्तो में दरार
लोग भड़काते कहते घर जा कर मार
भाई खुद नहीं लड़ना तो लड़ाओ भी मत
कहीं इंसानों के हिस्से ना हो जाए 2,4
ताभी जीते जीत चाहिए मुझे हर वह खुशी
जो फील किया जाए वक्त दुख से दुखी
मुझे खोलना हॉस्पिटल एक बड़ा आश्रम ताकि कोई भाई बहन रहे ना दुखी
ध्यान से सुनो जो मारते हैं फदियाां
वक्त बर्बाद करें बिना देखे घड़ियां
बातें करो असलियत ना कोई सच या झूठ
तुम्हारे सब से क्या लेना जब पता नहीं झूठ
उल्टी सीधी बातों पर करना पड़ा मुंt
दिमाग उत किसी को को नहीं छूट
सब एक समान जैसे मैं यमदूत
ये गाना होगा शेयर या खुलेगा bluetooth
काम करो साहब जैसे कुत्ते की पोटी
गर्ल फ्रेंड बनाओ ज्यादा ना रोटी
तुझे अगर ज्ञान नहीं क्यों रखी चोटी
उड़ाएंगे मजाक सभी तेरे ही पड़ोसी
मई lyricaly खोजू ,जोडू जैसे मोची
हिफोप के जरिए कमा रहा रोजी
इज्जत करो काम की जो करते हैं फौजी
और तुम बनते सालो रियल OG (original Gansta)
दुनिया की बातें घर वाले समझाते
मैं सुनता हूं इनको खाना खाते-खाते
साथ वाला घर सुन कण लगा के
पकड़े जाते फिर aankhen चुराते
ऐसे ही चलती है घर से गली
मनचले देखे मैंने देखी मनचली
मेरी थी खास किसी और पर चली
क्युकी कल की कली आज बनी मूंगफली
सब के साथ हसो पर जल में न फसो
इनकी बातों में तेल लगा हुआ है सरसों
Mai लारा नहीं देता कल का या परसों
नियत साफ रखो फिर आना मेरे घर को
बनते तुम शेर कोई बन ता चिता
तेरे गले में लगा हुआ सर्कस का फीता
में कोई खिलौना नहीं ना ही बिकाऊ
मई भेदिया जैसा अपनी मर्जी से जीता
पर कलम को आजादी मुझसे ज्यादा जीने की
ताकत है मुझसे ज्यादा दर्द को पीने की
सीधे-सादे नहीं जरूरत कमीने की
करेंगे कदर तभी लोग पसीने की
घुसाने की आदत में रगड़ा है खुद को
खुदा भी क्या करें कहता है भूख तो
मेहनत का फल पड़ा कहीं ना कहीं
तभी करो स्मार्ट वर्क सालों फालतू ना भटको
भाई मेरे लिए खुशियां मिठाई की तरह
भाई मेरे लिए दुख है दवाई की तरह
मेरे यारों से यारी सगाई की तरह
यहां बड़ा है वही जिस पर पैसो का घड़ा
तभी खोल रखा मैंने अपना पैसों का source
मैं रखूं पेशंस लगाता ना फाॅर्स मेरे गले में खराश
जैसे मैं हौरसे पढ़ने का शौक पर पसंद नहीं कुरस
जो रास्ते हैं लाइफ के मेरा ना कंपटीशन
तभी भट्ट का दिमाग मेरा पंगे नहीं लेता
सुख जाता गला मेरा अपना रैप गाके
क्योंकि बिना मांगे किसी को कोई पानी नहीं देता