Panthi Hoon Main Us Path Ka by A Irshad Lyrics
पंथी हूँ उस पथका, अंत नहीं जिसका
आस मेरी है जिसकी दिशा, आधार मेरे मनका
जिस पथपर देखे कितने सुख दुःख के मेले
फूल चुने कभी खुशियों के, कभी काँटों से खेले
जाने कब तक चलना है मुझे इस जीवन के साथ
संगी साथी मेरे अंधियारे उजियारे
मुझको राह दिखाए पलछिन के फुलहारे
पथिक मेरे पथ के सब तारें और नीला आकाश
आस मेरी है जिसकी दिशा, आधार मेरे मनका
जिस पथपर देखे कितने सुख दुःख के मेले
फूल चुने कभी खुशियों के, कभी काँटों से खेले
जाने कब तक चलना है मुझे इस जीवन के साथ
संगी साथी मेरे अंधियारे उजियारे
मुझको राह दिखाए पलछिन के फुलहारे
पथिक मेरे पथ के सब तारें और नीला आकाश